11>आ =Post=11>***শুশোভনভাবে বাঁচা***( 1 to 2 )
1--------Important
IT IS IMPORTANT TO HEARTILY FOLLOW THE
TEN (10) GOLDEN RULES FOR AGING GRACEFULLY.
2>-----------आर्ट ऑफ लिविंग... की कुछ अच्छी बातें
2>-----------आर्ट ऑफ लिविंग... की कुछ अच्छी बातें
3-------------तजुर्बे ने ये 9 बातें सिखाई है---
4>---------শ্দ্বার্থ =এবং তাত্ত্বিক বিষয়।=হৃষীকেশ=
4>---------শ্দ্বার্থ =এবং তাত্ত্বিক বিষয়।=হৃষীকেশ=
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IT IS IMPORTANT TO HEARTILY FOLLOW THE TEN (10) GOLDEN RULES
FOR AGING GRACEFULLY. (শু শোভনভাবে বাঁচা )
2>Hold on to your Bank deposits and assets with yourself or your spouse.
3>Don't depend only on your children's promise to care for you when you grow old as
their priorities change with time.
4>Expand your circle of friends to include those who will outlive you.
5>Do not compare, expect nothing from other.
6>Do not use meddle in the life of your children. Let them live Their life not your's.
7>Do not use old age as your shield and justification to demand care, respect and
attention.
8>Listen to what other say but think and act independently.
9>Pray but do not beg even from God. Seek His grace.
10>And finally, Do not RETIRE FROM LIFE.
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2>👌आर्ट ऑफ लिविंग... की कुछ अच्छी बातें 👌
👉!!जीवन में आने वाली हर चुनौती को स्वीकार करे।👈
👆अपनी पसंद की चीजों के लिये खर्चा करें।👆
👆इतना हंसिये के पेट दर्द हो जाये।👆
👆आप कितना भी बुरा नाचते हो ,फिर भी नाचिये।उस खुशी को महसूस किजिये।👆
👆फोटोज् के लिये पागलों वाली पोज् दिजिये।बिल्कुल छोटे बच्चे बन जाइये।👆
👌हर पल को खुशी से जीने को ही जिंदगी कहते है।👌
👆"जिंदगी है छोटी," हर पल में खुश रहो👆
👆काम में खुश रहो,"आराम में खुश रहो👆
👉"आज पनीर नहीं," दाल में ही खुश रहो👈
👆"आज गाड़ी नहीं," पैदल ही खुश रहो 👆
👆"जिस को देख नहीं सकते," उसकी आवाज से ही खुश रहो👆
👉"जिसको पा नहीं सकते,"उसको सोच कर ही खुश रहो👈
👌"बीता हुआ कल जा चुका है," उसकी मीठी याद में ही खुश रहो👌
👆"आने वाले कल का पता नहीं," इंतजार में ही खुश रहो 👆
😄"हंसता हुआ बीत रहा है पल," आज में ही खुश रहो😄
👍"जिंदगी है छोटी," हर हाल में खुश रहो👍
👉अगर दिल को छुआ हो तो जवाब दो, वरना बिना जवाब के भी खुश रहो 👈
👆अपनी पसंद की चीजों के लिये खर्चा करें।👆
👆इतना हंसिये के पेट दर्द हो जाये।👆
👆आप कितना भी बुरा नाचते हो ,फिर भी नाचिये।उस खुशी को महसूस किजिये।👆
👆फोटोज् के लिये पागलों वाली पोज् दिजिये।बिल्कुल छोटे बच्चे बन जाइये।👆
👌हर पल को खुशी से जीने को ही जिंदगी कहते है।👌
👆"जिंदगी है छोटी," हर पल में खुश रहो👆
👆काम में खुश रहो,"आराम में खुश रहो👆
👉"आज पनीर नहीं," दाल में ही खुश रहो👈
👆"आज गाड़ी नहीं," पैदल ही खुश रहो 👆
👆"जिस को देख नहीं सकते," उसकी आवाज से ही खुश रहो👆
👉"जिसको पा नहीं सकते,"उसको सोच कर ही खुश रहो👈
👌"बीता हुआ कल जा चुका है," उसकी मीठी याद में ही खुश रहो👌
👆"आने वाले कल का पता नहीं," इंतजार में ही खुश रहो 👆
😄"हंसता हुआ बीत रहा है पल," आज में ही खुश रहो😄
👍"जिंदगी है छोटी," हर हाल में खुश रहो👍
👉अगर दिल को छुआ हो तो जवाब दो, वरना बिना जवाब के भी खुश रहो 👈
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3>तजुर्बे ने ये 9 बातें सिखाई है---
🙏आप भी ज़रूर पढ़ें ||🙏
🍒(1) आजकल लोग समझते 'कम' और समझाते 'ज्यादा' हैं,
तभी तो मामले सुलझते 'कम' उलझते 'ज्यादा' हैं!
🍒(2) ज़ुबान की हिफाज़त,
दौलत से ज्यादा मुश्किल है !
🍒(3) गरीबों का मज़ाक मत उड़ाओ,
क्युँकि गरीब होने में वक्त नहीं लगता !
🍒(4) अगर प्राथना नहीं कर सकते,, तो गुनाह भी मत करो !
🍒(5) दुनिया ये नहीं देखती कि तुम पहले क्या थे,,
बल्कि ये देखती है कि तुम अब क्या हो !
🍒(6) जहां अपनी बात की कदर ना हो,
वहां चुप रहना ही बेहतर है !
🍒(7) धनवान वह नहीं, जिसकी तिजोरी नोटों से भरी हो ,,
धनवान तो वो हैं जिसकी तिजोरी रिश्तों से भरी हो !
🍒(8) लोगों से मिलते वक्त इतना मत झुको,,
कि उठते वक्त सहारा लेना पड़े !
🍒(9) शिकायते तो बहुत है तुझसे ऐ जिन्दगी,
पर चुप इसलिये हु कि,
जो दिया तूने,
वो भी बहुतो को नसीब नहीं होता!..
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4>শ্দ্বার্থ =এবং তাত্ত্বিক বিষয়।3>तजुर्बे ने ये 9 बातें सिखाई है---
🙏आप भी ज़रूर पढ़ें ||🙏
🍒(1) आजकल लोग समझते 'कम' और समझाते 'ज्यादा' हैं,
तभी तो मामले सुलझते 'कम' उलझते 'ज्यादा' हैं!
🍒(2) ज़ुबान की हिफाज़त,
दौलत से ज्यादा मुश्किल है !
🍒(3) गरीबों का मज़ाक मत उड़ाओ,
क्युँकि गरीब होने में वक्त नहीं लगता !
🍒(4) अगर प्राथना नहीं कर सकते,, तो गुनाह भी मत करो !
🍒(5) दुनिया ये नहीं देखती कि तुम पहले क्या थे,,
बल्कि ये देखती है कि तुम अब क्या हो !
🍒(6) जहां अपनी बात की कदर ना हो,
वहां चुप रहना ही बेहतर है !
🍒(7) धनवान वह नहीं, जिसकी तिजोरी नोटों से भरी हो ,,
धनवान तो वो हैं जिसकी तिजोरी रिश्तों से भरी हो !
🍒(8) लोगों से मिलते वक्त इतना मत झुको,,
कि उठते वक्त सहारा लेना पड़े !
🍒(9) शिकायते तो बहुत है तुझसे ऐ जिन्दगी,
पर चुप इसलिये हु कि,
जो दिया तूने,
वो भी बहुतो को नसीब नहीं होता!..
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হৃষীকেশ=
"হৃষীকেশ " শব্দের সুন্দর দুটি ব্যাখ্যা --
1>হৃষীকেশ--হৃষীক মানে ইন্দ্রিয় ,ইন্দ্রিয় বর্গের ( পাঁচ জ্ঞানেন্দ্রিয়, পাঁচ কর্মেন্দ্রিয়,
মন , বুদ্ধি ,চিত্ত,অহংকার ) কর্তা ,স্বামী বা ইশ্বর -হৃষীকের ঈশ তাই তিনি হৃষীকেশ।
(ঈশ=ইশ্বর,দেবতা ,প্রভু, স্বামী। হৃষীক=ইন্দ্রিয় )
গীতাতে স্পষ্ট ভাবে শ্রী ভগবান বলেছেন ,"ক্ষেত্রজ্ঞঞ্চাপি মাংবিদ্ধি সর্বক্ষেত্রেষু ভারত "-
সকল ক্ষেত্রেরই দ্রষ্টা ক্ষেত্রজ্ঞ এক। ক্ষেত্রজ্ঞ ক্ষেত্র থেকে পৃথক ,স্বতন্ত্র। আমাকে সেই ক্ষেত্রজ্ঞ
বলে জানবে। ক্ষেত্র অর্থাৎ দেহ ক্ষেত্রের স্বামী ক্ষেত্রজ্ঞ।
2>মহাভারতের শান্তি পর্ব থেকে আরও একটি "হৃষীকেশ " শব্দের ব্যাখ্যা এনেছেন ভাষ্যকার।
ব্যাখ্যাটি চিত্রকল্পের মতো সরজ সরল অভিনব। কবির কল্পনায় সূর্য এবং চন্দ্রমার বিচ্ছুরিত
কিরণ মালা যেন স্রষ্টার কেশের মতো ছড়িয়ে পড়ে সমস্ত বিশ্বে ,দিনে,রাত্রে,নিত্য় প্রভাতে সূর্যের
কেশসদৃশ কিরণ মালা জাগিয়ে তোলে সংসারকে, নিশীথে চন্দ্রমার কেশরাশির স্নিগ্ধ স্পর্শে ঘুমিয়ে
পড়ে জগৎ, সংসারকে "হৃষ্ট" করে বা প্রফুল্লিত ( হৃষ ধাতু হর্ষ অর্থে ) করে। "হৃষ্ট ওই কেশ যাঁর
তিনি হৃষীকেশ অর্থাৎ বহুব্রীহী সমাস অনুসারে নারায়ণ হচ্ছেন হৃষীকেশ। "
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বিশ্বকর্মা --- ম্
এই জগৎ বা বিশ্বরূপ কর্ম যাঁর তিনি বিশ্বকর্মা।
অথবা তিনি বিচিত্র্রনির্মাণ শক্তিতে সম্পন্ন বলে নিরন্তর তাঁর কর্ম ,বিচিত্র তাঁর কর্ম। গীতায় ভগবান বলেছেন , তিন লোকে (তিন কালেও ) তঁর কোনও কর্তব্য নেই ,কোনও অপ্রাপ্তি বা অপ্রাপ্তব্য ও নেই ,তবু নিরন্তর কর্মে তিনি অতন্ত্রিত।
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শ্রী ভগবান অর্জুনকে বলেছেন--এই জগৎ "দুঃখালয়ম্ "অর্থাৎ দুঃখের আগার এবং "অশাশ্বতম্ "
অর্থাৎ ক্ষনস্থায়ী। এই দুটি বিশেষণের মাধ্যমে তিনি জগতের স্বরূপকে বোঝাতে চাইছেন। পার্থিব
স্বরূপকে বোঝাতে চাইছেন। পার্থিব জগতের যে -কোনও সুখই অত্যন্ত ক্ষনস্থায়ী ,তা কখনই
মানুষেকে স্থায়ী আনন্দ দেয়না।
স্বামী বিবেকানন্দের কথায় -সুখ সর্বদাই মানুষের জীবনে দুঃখের মুকুট পরে আসে। অর্থাৎ সুখ ও
দুঃখ পরস্পর ওতপ্রোত। একটি নিলেই অপরটিকে ও নিতে হবে। যেমন টাকার এপিঠ, ওপিঠ। এই জন্য়ই বেদের ঋষিগণ বলেছেন ,"ভূমৈবসুখং নাল্পে সুখমস্তি।" ভূমাতেই প্রকৃত সুখ বা আনন্দ অল্পে অর্থাৎ নশ্বর পার্থিব কোনও কিছুতেই স্থায়ী সুখ নেই।
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fallow=Diary No-MBCo-2016// ( 1 )=Page No-245
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