Saturday, March 26, 2016

23>भाग्यवर्धक वस्तुएं=++All things are in details=***( 1 to 1/e )

23>आ =Post=23>***भाग्यवर्धक वस्तुएं***( 1 to 1/e )

 1>-------भाग्यवर्धक वस्तुएं
 1 /a= रुद्राक्ष १ से २१ मुखी रुद्राक्ष
1/,b=आपकी ग्रह-राशि-नक्षत्र के अनुसार रुद्राक्ष धारण करें
1/c= दुखों का नाश करता है रुद्राक्ष
1/d>শিবের স্বপ্ন সবসময়েই ইতিবাচক।
1/e>সুখস্বপ্ন অনেক রকমের হয়।কিছু স্বপ্নপ্রতীক রয়েছে
,

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1>-----------भाग्यवर्धक वस्तुएं
                 1. रुद्राक्ष- - - - - - - - - -=//= 2. शंख- - - - - - - -- - =//= 3. घंटी .ii
                 4. स्वस्तिक का चिह्न- ---=//= 5. ऊं का लॉकेट- - - - =//= 6. कलश ii
                 7. गंगाजल-- - -- - - - -- =//= 8. मौली (कलाई पर बंधने वाला नाड़ा) ii
                 9. कमल गट्टे, तुलसी या रुद्राक्ष की माला।- 
               10. सालग्राम और पंच देव की पीतल की मूर्ति। ii
                11. दीवार पर लगा प्रकृति का चित्र या हंसमुख परिवार का चित्र॥ ii  )))
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1/ a= रुद्राक्ष १ से २१ मुखी रुद्राक्ष,

1 Mukhi to 21 Mukhi Rudraksh

रुद्राक्ष १ से २१ मुखी रुद्राक्ष,,,,1 Mukhi to 21 Mukhi Rudraksh

रुद्राक्ष देवता मंत्र

१ मुखी शिव 1-ॐ नमः शिवाय । 2 –ॐ ह्रीं नमः

२ मुखी अर्धनारीश्वर ॐ नमः

३ मुखी अग्निदेव ॐ क्लीं नमः

४ मुखी ब्रह्मा,सरस्वती ॐ ह्रीं नमः
५ मुखी कालाग्नि रुद्र ॐ ह्रीं नमः
६ मुखी कार्तिकेय, इन्द्र,इंद्राणी ॐ ह्रीं हुं नमः
७ मुखी नागराज अनंत,सप्तर्षि,सप्तमातृकाएँ ॐ हुं नमः
८ मुखी भैरव,अष्ट विनायक ॐ हुं नमः
९ मुखी माँ दुर्गा १-ॐ ह्रीं दुं दुर्गायै नमः २-ॐ ह्रीं हुं नमः
१० मुखी विष्णु १-ॐ नमो भवाते वासुदेवाय २-ॐ ह्रीं नमः
११ मुखी एकादश रुद्र १-ॐ तत्पुरुषाय विदमहे महादेवय धीमही तन्नो रुद्रः प्रचोदयात २-ॐ ह्रीं हुं नमः
१२ मुखी सूर्य १-ॐ ह्रीम् घृणिः सूर्यआदित्यः श्रीं २-ॐ क्रौं क्ष्रौं रौं नमः
१३ मुखी कार्तिकेय, इंद्र १-ऐं हुं क्षुं क्लीं कुमाराय नमः २-ॐ ह्रीं नमः
१४ मुखी शिव,हनुमान,आज्ञा चक्र ॐ नमः
१५ मुखी पशुपति ॐ पशुपत्यै नमः
१६ मुखी महामृत्युंजय ,महाकाल ॐ ह्रौं जूं सः त्र्यंबकम् यजमहे सुगंधिम् पुष्टिवर्धनम उर्वारुकमिव बंधनान्

मृत्योर्मुक्षीय सः जूं ह्रौं ॐ ,,
१७ मुखी विश्वकर्मा ,माँ कात्यायनी ॐ विश्वकर्मणे नमः
१८ मुखी माँ पार्वती ॐ नमो भगवाते नारायणाय
१९ मुखी नारायण ॐ नमो भवाते वासुदेवाय
२० मुखी ब्रह्मा ॐ सच्चिदेकं ब्रह्म
२१ मुखी कुबेर ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्य समृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा


1/,b=आपकी ग्रह-राशि-नक्षत्र के अनुसार रुद्राक्ष धारण करें

ग्रह राषि नक्षत्र लाभकारी रुद्राक्ष मंगल मेष मृगषिरा-चित्रा-धनिष्ठा ३ मुखी
शुक्र वृषभ भरणी-पूर्वाफाल्गुनी-पूर्वाषाढ़ा ६ मुखी,१३ मुखी,१५ मुखी
बुध मिथुन आष्लेषा-ज्येष्ठा-रेवती ४ मुखी
चन्द्र कर्क रोहिणी-हस्त-श्रवण २ मुखी, गौरी-शंकर रुद्राक्ष
सूर्य सिंह कृत्तिका-उत्तराफाल्गुनी-उत्तराषाढ़ा1 मुखी, १२ मुखी
बुध कन्या आष्लेषा-ज्येष्ठा-रेवती ४ मुखी
शुक्र तुला भरणी-पूर्वाफाल्गुनी-पूर्वाषाढ़ा ६ मुखी,१३ मुखी,१५ मुखी
मंगल वृष्चिक मृगषिरा-चित्रा-धनिष्ठा ३ मुखी
गुरु धनु-मीन पुनर्वसु-विषाखा-पूर्वाभाद्रपद ५ मुखी
शनि मकर-कुंभ पुष्य-अनुराधा-उत्तराभाद्रपद ७ मुखी, १४ मुखी
शनि मकर-कुंभ पुष्य-अनुराधा-उत्तराभाद्रपद ७ मुखी, १४ मुखी
गुरु धनु-मीन पुनर्वसु-विषाखा-पूर्वाभाद्रपद ५ मुखी
राहु - आर्द्रा-स्वाति-षतभिषा८ मुखी, १८ मुखी
केतु - अष्विनी-मघा-मूल ९ मुखी,१७ मुखी
नवग्रह दोष निवारणार्थ १० मुखी, २१ मुखी
विषेष : १० मुखी और ११ मुखी किसी एक ग्रह का प्रतिनिधित्व नहीं करते।बल्कि नवग्रहों के दोष
निवारणार्थ प्रयोग मे लाय जाते हैं ।
ॐ तत्पुरुषाय विदमहे, महादेवाय धीमहितन्नो रुद्र: प्रचोदयात्। ॐ ,, ૐ Ψ ॐ नमः शिवाय Ψ ૐ
ॐ तत्पुरुषाय विदमहे, महादेवाय धीमहितन्नो रुद्र: प्रचोदयात्।
रुद्रस्य अक्षि रुद्राक्ष:, अक्ष्युपलक्षितम्अश्रु, तज्जन्य: वृक्ष:। रुद्राक्षाणांतुभद्राक्ष:स्यान्महाफलम्।
ग्रहणे विषुवे चैवमयने संक्रमेऽपि वा।
दर्द्गोषु पूर्णमसे च पूर्णेषु दिवसेषु च।
रुद्राक्षधारणात् सद्यः सर्वपापैर्विमुच्यते॥
यथा च दृश्यते लोके रुद्राक्ष: फलद: शुभ:।
न तथा दृश्यते अन्या च मालिका परमेश्वरि:।। अर्थात संसार में रुद्राक्ष की माला की तरह अन्य कोई
दूसरी माला फलदायक और शुभ नहीं है।
श्रीमद्- देवीभागवत में लिखा है :रुद्राक्षधारणाद्य श्रेष्ठं न किञ्चिदपि विद्यते।
अर्थात संसार में रुद्राक्ष धारण से बढ़कर श्रेष्ठ ===

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1/c= दुखों का नाश करता है रुद्राक्ष


माना जाता है कि रुद्राक्ष की उत्त्पत्ति रूद्र देव के आंसुओं से हुई है। रुद्राक्ष का प्रयोग दो रूपों में किया जाता है। एक आध्यात्मिक और दूसरा वैज्ञानिक और स्वास्थवर्धक।

अध्यात्मिक प्रभाव

एक मुखी रुद्राक्ष का प्रतीक भगवान शिव को माना जाता है तथा इस एकमुखी रुद्राक्ष का सतारुढ़ ग्रह सूर्य है अत: सूर्य द्वारा शुभ फलों की प्राप्ति तथा सूर्य की अनुकूलता हेतु इसे धारण किया जाता है। एक मुखी रुद्राक्ष आध्यात्मिकता का प्रकाशक बनकर मुक्ति का मार्ग प्राश्स्त करता है. इसे पूजने तथा धारण करने से व्यक्ति के समस्त दुखों एवं पापों का शमन होता है तथा शांति एवं सुख प्राप्त होता है. उनके इर्द गिर्द अष्ट सिद्धियाँ भ्रमण करती रहती हैं। और मोक्ष कों प्राप्त करते है और जन्म जन्म के चक्कर से मुक्त होत जाते है। शास्त्रों में वर्णित है की एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति कों कभी भी धन धान की कमी नहीं होती है और आकस्मित मौत भी नहीं हो सकती.

वैज्ञानिक एवं स्वास्थ्यवर्धक

जो व्यक्ति पागल हो जाते हैं वैसे व्यक्ति कों एकमुखी रुद्राक्ष घिस कर मक्खन के साथ सुबह शाम देने से उसका मानसिक संतुलन ठीक होत जाता है। जो व्यक्ति कोमा में चले जाते हैं वैसे व्यक्ति कों एक मुखी रुद्राक्ष का एक बीज निकाल कर, पीस कर पिलाने से वह कोमा से बाहर आ जाते हैं।

नेत्रों की ज्योती, सिरदर्द , हृदय रोग , नजर दोष ,उदर संबंधी रोग जैसी अनेक व्याधियों से छुटकारा मिलता है. स्नायु रोग,अतिसार,ह्रदय गति से संबंधित रोगों को दूर करने में एक मुखी रुद्राक्ष लाभदायक होता है। घर मे मंदिर मे भगवान शिव को अपर्ण करने पर घर कलेश और वास्तु दोष दूर होते है। एक मुखी रूद्राक्ष गोलाकार रूप में तथा काजू दाना रूप वाला भी होता है. गोलाकार रूपी रुद्राक्ष मिलना दुर्लभ होता है।
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1/d>শিবের স্বপ্ন সবসময়েই ইতিবাচক।

স্বপ্নের অর্থ নির্ণয় কেবলমাত্র পশ্চিমি মনস্তত্ত্বের একচেটিয়া বিষয় নয়। ভারত, চিন, মিশর প্রভৃতি প্রাচীন সভ্যতায় বার বার আলোচিত হয়েছে স্বপ্নের গূঢ়ার্থ। রামায়ণ, মহাভারত ও বিভিন্ন পুরাণে বার বার এসেছে স্বপ্ন ও তার অর্থের প্রসঙ্গ। এই ব্যাখ্যার সঙ্গে সিগমুন্ড ফ্রয়েড-কৃত স্বপ্ন-ব্যাখার কোনও সম্বন্ধ নেই। এ এক প্রাচীন ও প্রায়-বিলুপ্ত ব্যাখ্যাপদ্ধতি। কিন্তু আজও ভারতের একটি বৃহৎ ভূগোলে এই ব্যাখ্যা চলিত রয়েছে।

এই ব্যাখ্যাপদ্ধতি অনুসারে, স্বপ্নে দেব-দেবী দর্শন অত্যন্ত শুভ বিষয়। সব সময়ে যে দেব-দেবীদের পূর্ণ রূপে দেখা যাবে এমন নয়। দেব-দেবীদের অনুষঙ্গও স্বপ্নে আসতে পারে। এখানে শিব ও তাঁর অনুষঙ্গগুলির স্বপ্নার্থ আলোচিত হল—

• স্বপ্নে শিবলিঙ্গ দর্শন অতি শুভ বিষয়। এর অর্থ কোনও না কোনও ক্ষেত্রে জয়লাভ। তা আর্থিক দিক থেকে শুভ ইঙ্গিত হতে পারে, অন্যান্য দিক থেকেও হতে পারে। শিবলিঙ্গের স্বপ্ন পূর্ণতার ইঙ্গিতবাহী।

• স্বপ্নে যদি কারোর হরপার্বতীর দর্শন ঘটে, তিনি জানবেন সৌভাগ্য তাঁর হাতের মুঠোয়। অর্থ, পরিবার, দূর-ভ্রমণ, জীবিকা— সব বিষয়েই সমৃদ্ধি অবশ্যম্ভাবী।

• স্বপ্নে যদি নৃত্যরত শিবকে দেখেন, তবে তিনি জানবেন। তাণ্ডবরত শিব মোটেই এখানে সংহারকর্তা নন। বরং তাঁর এই মূর্তি সংকটের অবসানের কথাই ব্যক্ত করে।

• শিবমন্দিরের স্বপ্ন সন্তানের জন্মের কথা বলে। এবং বেশির ভাগ ক্ষেত্রে তা পুত্রসন্তান। আবার এমন স্বপ্ন রোগমুক্তিকেও নির্দেশ করে।

• স্বপ্নে ত্রিশূল দর্শন অতীত, বর্তমান ও ভবিষ্যৎ— এই তিন কালকে ব্যক্ত করে। ব্যক্ত করে জন্ম, জীবন এবং মৃত্যুকেও। যে কোনও সংকটের সমাধান যে আসন্ন, তা ত্রিশূলের স্বপ্ন ব্যক্ত করে।

• কেউ যদি শিবের কপালস্থ চাঁদটিকে স্বপ্নে দেখেন, তিনি জানবেন খুব শিগগির তাঁকে কোনও গুরুত্বপূর্ণ সিদ্ধান্ত নিতে হবে। শিক্ষা-সংক্রান্ত ক্ষেত্রে অর্ধচন্দ্রের স্বপ্ন শুভযোগের কথা বলে।

• শিবের তৃতীয় নয়নকে যদি কেউ স্বপ্নে দেখেন, তাঁর জীবনে গুরুত্বপূর্ণ পরিবর্তন অবশ্যম্ভাবী। এই নয়ন সেক্ষেত্রে সচেতনতার প্রতীক।

• যদি কেউ স্বপ্নে ডমরু দর্শন করেন, তা হলে তাঁর জীবনে শুভশক্তির প্রভাব বাড়তে পারে বলে জানা যায়।

• শিবের জটা থেকে যদি গঙ্গা নির্গত হতে দেখা যায়, তা হলে বুঝতে হবে, জ্ঞান দ্বারা তাঁর আত্মা শুদ্ধ হবে। ভারতীয় পরম্পরায় গঙ্গা জ্ঞান ও শুদ্ধতার প্রতীক।

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1/e>সুখস্বপ্ন অনেক রকমের হয়।কিছু স্বপ্নপ্রতীক রয়েছে


সুখস্বপ্ন অনেক রকমের হয়। কোনও কোনও স্বপ্নে হয়তো আপনি নিজেকে রাজা-বাদশা হিসেবেও দেখে থাকেন। কিন্তু তার মানে এই নয় যে, সত্যিই রাজৈশ্বর্য প্রাপ্তির কথা জানাচ্ছে সেই স্বপ্ন। এ কথা সবাই জানি যে, স্বপ্নে দৃষ্ট বস্তু বা ঘটনা মোটেই কোনও তথাকথিত বাস্তব অনুষঙ্গ বহন করে না। অন্ততপক্ষে সিগমুন্ড ফ্রয়েড ও তাঁর অনুগামীরা তো তা-ই বলেন। কিন্তু স্বপ্ন প্রতীকের অন্তরালে কি লুকিয়ে থাকে ভবিষ্যৎদর্শনের বীজ? বিজ্ঞানবাদী ফ্রয়েড বা তাঁর তত্ত্বে বিশ্বাসীরা প্রত্যক্ষভাবে তা মানতে চাইবেন না। কিন্তু ভারতীয় পরম্পরায় স্বপ্নফল একটা বিশেষ বিদ্যা। পৌরাণিক কাল থেকেই তাতে বিশ্বাস রেখেছেন অগণিত মানুষ। একটু তলিয়ে দেখলে বোঝা যায় এবং পশ্চিমী আধুনিক মনোবিদ্যাও জানায়, আমাদের অবচেতনে অনেক সময়েই সঞ্চিত থাকে ভবিষ্যৎ-স্মৃতি। এবং তা প্রতীকের আকারে স্বপ্নে প্রকট হতেই পারে।

সেদিক থেকে দেখলে এমন কিছু স্বপ্নপ্রতীক রয়েছে, যা সৌভাগ্যের দ্যোতক, যা কোনও বস্তু হতে পারে, কোনও ঘটনাও হতে পারে। দেখা যাক তার কয়েকটিকে।

• কোনও কিছু বিপুল পরিমাণে দেখলে জানতে হবে, সম্পদ অথবা শক্তির কোনও অফুরন্ত উৎস আপনার করায়ত্ত হওয়ার সময় এসে গিয়েছে।


• স্বপ্নে নৃত্য দর্শন সর্বদাই শুভ। স্বপ্নে যদি শিশুদের নৃত্যরত দেখা যায় তা হলে ধরতে হবে, আপনার বিবাহ সমারোহ সহকারে হবে। প্রাপ্তবয়স্ক কারোকে নৃত্যপর দেখলে বুঝতে হবে, ব্যবসায় শুভ।

• স্বপ্নে আবহাওয়ার বিষয় দেখলে তা অবশ্যই শুভফলদায়ী। সূর্য বা চন্দ্রোদয়ের দৃশ্য দেখা মানে সৌভাগ্যের সূচনা। বজ্রপাতের স্বপ্নও আকস্মিক সৌভাগ্যের কথা বলে। রামধনুর স্বপ্নের অর্থ— পারিবারিক সৌভাগ্য সুনিশ্চিত। মেঘের মধ্যে তারা প্রবেশ করার স্বপ্নের মানে, সন্তানের জন্ম সমাগত।

• পাখির স্বপ্ন আসন্ন প্রেমের কথা বলে। স্বপ্নে দেখা পাখি যদি মধুর স্বরে ডাকাডাকি করে, তা হলে বুঝতে হবে আপনার সেই প্রেম সুখেরই হবে।


নিজেকে নগ্ন দেখার স্বপ্ন কি দুঃস্বপ্ন? এমন হতেই পারে স্বপ্নের ভিতরে আপনি নিজেকে এমন অবস্থায় নগ্ন দেখলেন, যা বস্তুতপক্ষে অসম্মানজনক। ঘুম ভেঙে অস্বস্তি। সারা দিন ধরে বার বার মনের মধ্যে ঘুরপাক খায় স্বপ্নের অনুষঙ্গ। কেন এমনটা হয়?


মনোবিদরা জানাচ্ছেন—

• স্বপ্নে নিজেকে নগ্ন দেখার অর্থ অসম্মানিত হওয়ার ভয় থেকে জাত হতে পারে।

• আপনার কোনও গোপন কথা লোকে জেনে ফেলবে, এই ভয় থেকেও নিজেকে স্বপ্নে নগ্ন দেখতে পারেন।

• হীনমন্যতায় ভোগেন, এমন ব্যক্তিরা নিজদের স্বপ্নে নগ্ন দেখতেই পারেন। এটা তাঁদের সেই হীনমন্যতারই প্রতিফলন।

• অন্যরা সর্বদা আপনার বিচার করছেন— এই মনোবৃত্তি থেকেও নিজেকে স্বপ্নে নগ্ন দেখা সম্ভব।


• নিরাপত্তাহীনতার বোধ থেকেও এমন স্বপ্ন দেখা অস্বাভাবিক নয়।

• নিজের কোনও কৃতকার্যের জন্য লজ্জিত হলে নিজাকে স্বপ্নে নগ্ন দেখতে পারেন কেউ।

• অন্যের কোনও গোপন কথা আপনি জেনে ফেলেছেন। এই বিন্দু থেকেও একটা বিপরীত প্রোজেকশন হতে পারে।

• যদি নিজেকে স্বপ্নে নগ্ন দেখে লজ্জিত বোধ না করেন, তবে এমন হতেই পারে, আপনার আত্ম-বিশ্লেষণের ফলাফল খুবই উঁচুতে। নিজেকে আপনি এক্সক্লুসিভ ভাবেন।

• কারও কারও মতে নিজেকে স্বপ্নে নগ্ন দেখা নার্সিসিজম বা আত্মপ্রেমের লক্ষণ হতে পারে।


১. টাইটানিক দুর্ঘটনা:

১৯১২ সালে টাইটানিক-দুর্ঘটনা ঘটে। তারপর অজস্র মানুষ দাবি করতে থাকেন যে, তাঁরা নাকি এই দুর্ঘটনা ঘটার আগেই স্বপ্নে একটা বিশাল জাহাজকে ডুবে যেতে দেখেছিলেন। এইসব দাবির বেশিরভাগই অবশ্য ভুয়ো বলে মনে করা হয়। কিন্তু অন্তত একজনের স্বপ্নকে অস্বীকার করার উপায় নেই। কারণ টাইটানিক-দুর্ঘটনা সম্পর্কে নিজের স্বপ্নের কথা তিনি চিঠি লিখে জানিয়েছিলেন তাঁর এক পরিচিতকে। চিঠির তারিখ দেখে জানা যায়, চিঠিটি লেখা হয়েছিল টাইটানিক-ট্র্যাজেডির আগে।

২. আব্রাহাম লিঙ্কনের মৃত্যু:

১৮৬৫ সালে মার্কিন রাষ্ট্রপতি আব্রাহাম লিঙ্কনের মৃত্যুর দু’সপ্তাহ আগে তিনি এক অদ্ভুত স্বপ্ন দেখেন। তিনি দেখেন যে, হোয়াইট হাউসে এক শ্রাদ্ধানুষ্ঠান চলছে। সেই অনুষ্ঠানে রাখা রয়েছে একটি কফিন। অনুষ্ঠানে সমাগতদের মধ্যে কোনও একজনকে তিনি জিজ্ঞাসা করলেন,‘‘ কফিনের ভিতরে কার মৃতদেহ শায়িত?’’ উত্তরে সেই ব্যক্তি বললেন, ‘‘আমেরিকার রাষ্ট্রপতির’’। লিঙ্কন পরের দিন সকালে এই অদ্ভুত স্বপ্নের কথা জানান নিজের স্ত্রীকে। আর তার হপ্তা দুয়েক পরেই আততায়ীর গুলিতে লিঙ্কন নিহত হন।

৩. মার্ক টোয়েনের ভাইয়ের মৃত্যু:

মার্কিন লেখক মার্ক টোয়েন ও তার ভাই হেনরি এক সময়ে কাজ করতেন মিসিসিপি নদীতে চালিত বোটগুলিতে। একবার মার্ক স্বপ্ন দেখেন, একটি ধাতব কফিনে হেনরির মৃতদেহ শায়িত রয়েছে তাঁর বোনের বাড়িতে। এই স্বপ্নের এক সপ্তাহ পরেই এক মোটর বোট বিস্ফোরণে মৃত্যু হয় হেনরির। দুর্ঘটনায় মৃত অন্যদের দেহ কাঠের কফিনে শোওয়ানো হলেও ঘটনার এক প্রত্যক্ষদর্শী হেনরির মৃতদেহটির দুরবস্থা দেখে করুণাবশত তাঁকে শুইয়ে দেন একটি ধাতব কফিনে।

ক্যালিগুলার হত্যা:

রোমান সম্রাট ক্যালিগুলা নিজের মৃত্যুর দিন কয়েক আগে একটি স্বপ্নে দেখেন যে, দেবরাজ জুপিটারের সিংহাসনের সামনে তিনি আনীত হয়েছেন, এবং জুপিটার তাঁকে লাথি মেরে পৃথিবীতে পাঠিয়ে দিচ্ছেন। এই স্বপ্নকে অনেকেই মৃত্যুর পূর্বাভাস বলে ব্যাখ্যা করেন। ক্যালিগুলা এই স্বপ্নকে গুরুত্ব দিতে চাননি। এবং পরের দিনই তিনি নিহত হন।

জুলিয়াস সিজারের মৃত্যু:
৪৪ খ্রিষ্টাব্দে জুলিয়াস সিজারের মৃত্যুর দিন কয়েক আগেই সিজারের স্ত্রী কালপুর্নিয়া স্বপ্নে দেখেছিলেন, তাঁর স্বামী নিহত হচ্ছেন আততায়ীদের হাতে। ভীত কালপুর্নিয়া সিজারকে অনুরোধ করেন যে, তিনি যেন সেনেটে না যান। সিজার সেই অনুরোধ রক্ষা করেননি। এবং শেষ পর্যন্ত সেনেটেই আততায়ীদের হাতে ছুরিকাঘাতে তিনি নিহত হন।
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